अवधघटेश के थोयत चोक़कसिसर साइहव बहाइुर को
च्याज्ञा जोकि सरिश्त इतालो में जिलअकमेटी और
सब वामेंटोके लिशितत कई है. सब लोगों के
प्र डर
उपदेश के लिये प्रस्थात को जाती है ॥
सरिश्तचतालोब: वी
कमेरियेां के अर्थ रीति ॥
दृ० १--सर्थिश्तह तालोम की कमेठियां दा प्रकार की हनी चाहिये _
अरघस साररिश्लंह तालीम जिलझ कमेठी ॥ दुखरी सकल वा सब कमेटी ॥
द० :र-उचित है कि सर्श्तिहतालीम जिला कमेटी में आठ समाज.
सट से न्यन नहों वार वे इस प्रकार नियत किये जावें ॥ साहब कम्नि-
सर बहादुर प्रे पीडेंट अर्थात् मुख्यमध्यस्थ ॥ साहब डिपटीकमिश्नर बहादुर
चेसप्रे घिडँट अध्यत दितीयेसध्यस्थ ॥ सामान्यसभा सद ॥ सोजत डेरेवार
साहबबहादुर अवध ॥ पाठशाला ओके इन्सप्रैमर साहब बह्लादुर ॥ सब अ-
सिस्ट ट करसिश्ररबहादटुर ॥ साहब डिस्ट्रिकू सुपरिटेगडेट पुलिस ॥ सब
_ रेकस्ट्राअधिस्टैंट कमिश्नरबद्ादटुर ॥ ज़िलअकेतह सी लदार ॥ ज़िलगस्वाल
के हेडमास्टर ॥ ज़िलड़ाकी पाटशालाओं के डिपुटी इन्सपेकुर
द्० इ--सॉरिश्सहता लीम ज़िला बेटों काय्य प्रबन्ध के लिये प्रति
तीसरे मास कमसे कम एक बारहुआ करेगो आर समासद लोग अपनी
व्यवस्था <० जलाइ ९० अकबर शओर ९०. जनवरीं आर ९० अप्रैल के
शीयुत डेर्कूरसाइब बहादुर की बिज्ञता के लिये मेजाकरेगे ॥ ;
द० ४-' जिला की पाठशालाओं में जिलझके समासद लॉग अपनी
रखे काइई आज्ञा न देवें किन्त ज़िलझक्ी भिन्न २ पाठशालाओं के
न्तरीय प्रबन्ध अर्थात पाठकों के आचरण ओर चन्दा आदि ओर उत्तम
शिक्ता की ओर दृष्टि करे ॥
च्याज्ञा जोकि सरिश्त इतालो में जिलअकमेटी और
सब वामेंटोके लिशितत कई है. सब लोगों के
प्र डर
उपदेश के लिये प्रस्थात को जाती है ॥
सरिश्तचतालोब: वी
कमेरियेां के अर्थ रीति ॥
दृ० १--सर्थिश्तह तालोम की कमेठियां दा प्रकार की हनी चाहिये _
अरघस साररिश्लंह तालीम जिलझ कमेठी ॥ दुखरी सकल वा सब कमेटी ॥
द० :र-उचित है कि सर्श्तिहतालीम जिला कमेटी में आठ समाज.
सट से न्यन नहों वार वे इस प्रकार नियत किये जावें ॥ साहब कम्नि-
सर बहादुर प्रे पीडेंट अर्थात् मुख्यमध्यस्थ ॥ साहब डिपटीकमिश्नर बहादुर
चेसप्रे घिडँट अध्यत दितीयेसध्यस्थ ॥ सामान्यसभा सद ॥ सोजत डेरेवार
साहबबहादुर अवध ॥ पाठशाला ओके इन्सप्रैमर साहब बह्लादुर ॥ सब अ-
सिस्ट ट करसिश्ररबहादटुर ॥ साहब डिस्ट्रिकू सुपरिटेगडेट पुलिस ॥ सब
_ रेकस्ट्राअधिस्टैंट कमिश्नरबद्ादटुर ॥ ज़िलअकेतह सी लदार ॥ ज़िलगस्वाल
के हेडमास्टर ॥ ज़िलड़ाकी पाटशालाओं के डिपुटी इन्सपेकुर
द्० इ--सॉरिश्सहता लीम ज़िला बेटों काय्य प्रबन्ध के लिये प्रति
तीसरे मास कमसे कम एक बारहुआ करेगो आर समासद लोग अपनी
व्यवस्था <० जलाइ ९० अकबर शओर ९०. जनवरीं आर ९० अप्रैल के
शीयुत डेर्कूरसाइब बहादुर की बिज्ञता के लिये मेजाकरेगे ॥ ;
द० ४-' जिला की पाठशालाओं में जिलझके समासद लॉग अपनी
रखे काइई आज्ञा न देवें किन्त ज़िलझक्ी भिन्न २ पाठशालाओं के
न्तरीय प्रबन्ध अर्थात पाठकों के आचरण ओर चन्दा आदि ओर उत्तम
शिक्ता की ओर दृष्टि करे ॥