हक
2
लेसस _
कि
लेसस
_ सुक़रात
लेसस
स्श् 3
लयसस
सुझरात
लेसस
सुक्करात
_ द्द
य्पं
श्प
सझ्रात
ध््थ
ग्रकर्ट नच्ाछाताहे ॥#
लम्हारे माता पिता तम्हसले व्या अति प्रीति करतेहें
थे बातां ऐसीहे था नहीं ॥
बहुत प्रीति करतेहें ॥ हि
निद्ययह्े कि बे तमके। प्रसन्नरखना उत्तमसा नतेहों ॥
निस्सन्द्ह् ॥ 2.
तम उसमनष्यका जे परतन्त्रतामें हा ओर यथेच्छका ये
करननपावे उत्तपजानते हा
नहीं ॥
यदितन्हारे माता पिता तमसे प्रीति करते श्र प्रसन्न
रखनामी चाहतेहें तोबे. तुम्हारे प्रसन्न हानेकेनिमित्त प्र-
त्येक प्रयत्न करते हों ॥ गण
निस्सन्द है ॥
फिर ब्या वे तमके यथेच्छकाम करने देते और कभी
लिरस्कार और निधेथ नहों करतेहें ॥ _ )
है सक्ारात बडाधा विषयांमं बाधक डॉातहें ॥ द
फिर तुम किसम्रकार कहतेहें कि वे तुमको प्रसन्न र-
खना चाहते ओर यथेच्छकाय॑ करने में बाधक छोतेहें; अब
मुभका बतलाओं कि यदि तुम अपने पिताकी गाड़ी पर
सबार हो और अपने हाथ लगामलेकर घड़दौडकी शत के
समय हाॉकना चाहा ता बेतमका आज! दगे वा निधेधक
बाधक हाँगे ॥
फिर वो किसका आज्ञादेंगे ॥